लोकसभा चुनाव के बीच यूपी के बाहुबली और कुंडा से विधायक राजा भैया के एक कदम ने सपा को बड़ी राहत दी
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लोकसभा चुनाव के बीच यूपी के बाहुबली और कुंडा से विधायक राजा भैया के एक कदम ने सपा को बड़ी राहत दी

प्रतापगढ़
लोकसभा चुनाव के बीच यूपी के बाहुबली और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के एक कदम ने समाजवादी पार्टी को बड़ी राहत दे दी है। इस कदम को सपा को समर्थन का संकेत भी माना जा रहा है। राजा भैया ने कौशांबी लोकसभा सीट से उतरे सपा प्रत्याशी के पिता इंद्रजीत सरोज से पुराना विवाद खत्म कर लिया है। कोर्ट में इंद्रजीत के खिलाफ दायर मानहानि का वाद वापस लेने का ऐलान किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत सरोज की टिप्पणी के बाद राजा भैया ने यह केस दायर किया था।

इस बार कौशांबी लोकसभा सीट से इंद्रजीत सरोज का बेटा सपा से प्रत्याशी है। राजा भैया ने दो दिन पहले ही किसी भी दल को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया था। बुधवार की रात इंद्रजीत सरोज ने बेटे पुष्पेंद्र सरोज के साथ राजा भैया से मुलाकात भी की थी। इसके बाद राजा भैया के सबसे करीबी एमएलसी अक्षय़ प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने एक चिट्ठी जारी कर राजा भैया के नए कदम की जानकारी साझा की है।

गोपाल जी ने मीडिया को जारी चिट्ठी में लिखा है कि पिछले लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के कौशाम्बी सीट के प्रत्याशी इन्द्रजीत सरोज ने चुनाव के कतिपय लोगो के बहकावे में आकर चुनावी सरगर्मी, चुनावी माहौल में जनसत्तादल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं। इसमें जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं, राजा भईया समर्थकों और आम जनमानस में इन्द्रजीत सरोज के बयान से आक्रोश व्याप्त हुआ था। लोगो की राजा भैया के प्रति भावनाओं को ठेस पहुंची थी। इसके कारण राजा भैया ने इन्द्रजीत सरोज के खिलाप मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। यह मुकदमा एमपीएमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसमें न्यायालय ने इन्द्रजीत सरोज को धारा 500 दण्ड प्रक्रिया संहिता मे तलब किया है।

गोपाल जी ने आगे लिखा कि 13.05.2024 देर शाम इन्द्रजीत सरोज ने सपा प्रत्याशी और अपने बेटे पुष्पेन्द्र सरोज के साथ राजा भैया से बेती राजभवन पर आकर मुलाकात की थी। पहले हुए गिले सिकवे और गलत बयानबाजी को भूलने का आग्रह किया था। राजनैतिक सूचिता को कायम करने का प्रयास किया। इसके कारण राजा भैया ने उक्त बातों को भूलकर अब न्यायालय में दाखिल मानहानि के मुकदमें को समाप्त करने की तैयारी की है। राजा भैया ने अब मानहानि का मुकदमा न्यायालय से समाप्त करा लिया जाएगा।

कौशांबी सीट पर राजा भैया का समर्थन क्यों जरूरी
राजा भैया ने 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी दल से तालमेल नही किया है। उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने कौशांबी या प्रतापगढ़ से इस बार अपना प्रत्याशी भी नहीं उतारा है। कौशांबी लोकसभा सीट में राजा भैया के प्रभाव वाले कुंडा और बाबागंज विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यहां के दोनों विधायक भी जनसत्ता दल के ही हैं। ऐसे में कौशांबी लोकसभा सीट पर भाजपा और सपा दोनों राजा भैया का समर्थन चाहते थे। दो दिन पहले कार्यकर्ताओं और समर्थकों की बैठक के बाद राजा भैया ने अपनी मर्जी से मतदान के लिए कह दिया। इसी बीच गुरुवार की रात सपा प्रत्याशी और उनके पिता इंद्रजीत का राजा भैया से मिलना और अब केस वापस लेने के लिए गोपाल जी की तरफ से आई चिट्ठी ने सपा को समर्थन का इशारा कर दिया है। इस बावत हालांकि गोपाल जी ने कहा कि राजा भैया को किसी को समर्थन न देने के अपने फैसले पर कायम हैं। पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज और कौशांबी से सपा प्रत्याशी उनके पुत्र पुष्पेंद्र सरोज राजा भैया से मिलने आए थे। सिर्फ वाद को कोर्ट से वापस लेने की सहमति बनी है।

 

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