राजस्थान में भजनलाल सरकार पांच महीने में ही छात्रवृत्ति योजना का मोदी सरकार से बजट लेने में फेल साबित हो रही
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राजस्थान में भजनलाल सरकार पांच महीने में ही छात्रवृत्ति योजना का मोदी सरकार से बजट लेने में फेल साबित हो रही

जयपुर
राजस्थान में डबल इंजन की सरकार यानि भजनलाल सरकार पांच महीने में ही अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का मोदी सरकार से बजट लेने में फेल साबित हो रही है । इसके चलते लाखों छात्र-छात्राएं वित्तीय वर्ष 2023-2024 की छात्रवृत्ति योजना का लाभ नहीं ले सके है । हालांकि इस बारे में भजनलाल सरकार की तरफ से विभागीय मंत्री केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है ।

सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 24 मई 2023 को वित्त्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पूर्व बकाया सहित धनराशि 65880.56 लाख रुपये के प्रस्ताव केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजे गए थे । इस प्रस्ताव के विरूद्ध अभी भी 43880.56 लाख रुपये राशि आवंटित होना बाकी है । वहीं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त हुए 22000.00 लाख में से 21402.69 लाख रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र दिनांक 29-4-2024 को भिजवा दिए गए थे । लेकिन केंद्रीयांश का समय पर पुनर्भरण नहीं होने से बकाया छात्रवृत्ति आवेदकों को भुगतान नहीं हो सका है । विभाग के मुताबिक अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के 3 लाख छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति लेने से वंचित है। वहीं यही हाल ओबीसी के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति योजना का है । विभाग की तरफ से 106.37 करोड़ रुपये की धनराशि केंद्र सरकार से मांगी गई है । लेकिन यह धनराशि नहीं मिलने से ओबीसी वर्ग के 60 हजार छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति नहीं ले पा रहे है ।

क्या छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने से अटकी धनराशि
सूत्रों का कहना है पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के वक्त का छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने से यह धनराशि अटक गई है । छात्रवृत्ति घोटाले में भजनलाल सरकार अब तक 2 करोड़ रुपये की धनराशि की रिकवरी कर चुकी है और रिकवरी की प्रक्रिया अभी चल रही है । आपको बता दे कि भजनलाल सरकार ने छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने के बाद 311 शिक्षण संस्थानों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था । इस ब्लैक लिस्ट में से 42 शिक्षण संस्थानों को सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने राहत प्रदान की है ।

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