कोविशील्ड और कोवैक्सीन पर नई मुसीबत, खतरे में पड़ सकती है निजी जानकारी
1 min read

कोविशील्ड और कोवैक्सीन पर नई मुसीबत, खतरे में पड़ सकती है निजी जानकारी

नई दिल्ली

 कोरोनावायरस वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर जारी चर्चाओं के बीच अब एक नई टेंशन है। खबर है कि भोल-भाले लोगों को वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का डर दिखाकर उनकी निजी जानकारी चुराई जा रही है। हालांकि, राहत की बात है कि अब तक किसी को भी आर्थिक नुकसान होने की खबर नहीं है। पुलिस ने अनजान नंबरों से सतर्क रहने की सलाह दी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि धोखेबाज वैक्सीन के बारे में कॉल कर आधार नंबर, बैंक डिटेल जैसी निजी जानकारियों में सेंध लगा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कोलकाता में रहने वाले कई लोगों को अनजान नंबरों से फोन आए हैं, जहां व्यक्ति खुद को स्वास्थ्य विभाग का बताता है और वैक्सीन से जुड़े सवाल करता है।

क्या होते हैं सवाल
फोन के जरिए लोगों से पूछा जाता है कि उन्होंने वैक्सीन ली है या नहीं ली? अगर हां, तो कौनसी वैक्सीन ली है। खास बात है कि धोखेबाज IVRS यानी इंटरेक्टिव वॉइस रिस्पॉन्स सिस्टम का भी सहारा ले रहे हैं, जिसके जरिए टीकाकरण से जुड़ी जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं।

 बातचीत में कोलकाता पुलिस के साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया, 'रिकॉर्डेड वॉइस पहले पूछती है कि किसी व्यक्ति ने कोविड वैक्सीन ली है या नहीं। अगर हां, तो उसे एक बटन दबाने के लिए कहा जाता है। आमतौर पर 1 कोविशील्ड और 2 कोवैक्सीन के लिए होता है। इसके बाद फोन फ्रीज हो जाता है और कुछ घंटों के लिए नेटवर्क चले जाते हैं।'

रिपोर्ट के अनुसार, साइबर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे जरिए व्यक्ति के फोन पर नियंत्रण हासिल कर निजी जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है।

क्या है कोरोना का नया वेरिएंट?
 रिपोर्ट के अनुसार, KP.2 को JN.1 वेरिएंट का वंश कहा जारहा है। यह ओमिक्रॉन लाइनेज का सब वेरिएंट है, जिसमें नए म्यूटेशन्स हैं। इसे FLiRT नाम अक्षरों के आधार पर दिया गया है, जो दो इम्यून से बचने वाले म्यूटेशन को दिखाते हैं। ये म्यूटेशन्स वायरस को एंटीबॉडीज पर हमला करने देते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *