जनता फिर से रिकॉर्ड मार्जिन के साथ जीत का आशीर्वाद देगी : अमित शाह
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जनता फिर से रिकॉर्ड मार्जिन के साथ जीत का आशीर्वाद देगी : अमित शाह

जनता फिर से रिकॉर्ड मार्जिन के साथ जीत का आशीर्वाद देगी : अमित शाह

अमित शाह के खिलाफ राहुल गांधी की मानहानिकारक टिप्पणी मामले की सुनवाई 27 मई को

चुनावी बॉण्ड योजना : एसआईटी जांच की याचिका को न्यायालय में जल्द सूचीबद्ध करने की मांग

नई दिल्ली
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन पर बधाई दी और कहा कि इस बार फिर जनता रिकॉर्ड मार्जिन के साथ जीत का आशीर्वाद देगी।

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि भारतीय संस्कृति का केंद्र, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से लगातार तीसरी बार नामांकन करने पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में मोदी ने न केवल काशी बल्कि पूरे देश में विश्वस्तरीय विकास करने के साथ-साथ भारत की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को भी संवारा है।

शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास और गौरव की यात्रा यूं ही अनवरत जारी रहे, बाबा विश्वनाथ और गंगा मैया से यही प्रार्थना करता हूं। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस बार फिर काशी की जनता रिकॉर्ड मार्जिन के साथ मोदी को जीत का आशीर्वाद देगी।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। वाराणसी सीट पर सातवें एवं अंतिम चरण में एक जून को मतदान होगा।

अमित शाह के खिलाफ राहुल गांधी की मानहानिकारक टिप्पणी मामले की सुनवाई 27 मई को

सुलतानपुर
केन्द्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई कथित मानहानिकारक टिप्पणी संबंधी मामले में अदालत में मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गयी और अब इसके लिए 27 मई की तारीख तय की गयी है।

वादी के अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।

वादी के अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने बताया कि मंगलवार को उपरोक्त मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन अभी सांसद-विधायक अदालत (एमपी/एमएलए कोर्ट) का प्रभार किसी न्यायाधीश के पास न होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो सकी और इस मामले में सुनवाई के लिए 27 मई की तारीख तय की गई है।

मानहानि मामले में राहुल गांधी फरवरी माह में अदालत में हाजिर हुए थे और उन्हें अदालत द्वारा जमानत दे दी गई थी।

राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने भी बताया कि संबंधित अदालत का प्रभार किसी को न मिलने के चलते कोई अदालती कार्यवाही नहीं हो सकी ।

राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज झांसी में हैं।

कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के हनुमान गंज निवासी सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ चार अगस्त 2018 को मानहानि का मुकदमा दायर करवाया था।

मिश्र ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी।

 

चुनावी बॉण्ड योजना : एसआईटी जांच की याचिका को न्यायालय में जल्द सूचीबद्ध करने की मांग

नई दिल्ली

उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को दो गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने उनकी उस जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का अनुरोध किया, जिसमें चुनावी बॉण्ड योजना में राजनीतिक दलों, कॉर्पोरेट संस्थाओं और जांच एजेंसियों के अधिकारियों से जुड़े ‘बदले में लाभ पहुंचाने के’ कथित मामलों की एक विशेष जांच दल द्वारा अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ और ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि याचिका को सुनवाई के लिए जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति खन्ना ने भूषण से कहा, ‘‘यह प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय के विचारार्थ है। वह सूचीबद्ध करेगा।’’

पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा लाई गई चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया थ।

दोनों एनजीओ की याचिका में चुनावी बॉण्ड योजना को ‘घोटाला’ करार देते हुए अधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि उन ”शेल कंपनियों और घाटे में चल रही कंपनियों” के वित्त पोषण के स्रोत की जांच की जाए, जिन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों को चंदा दिया था और जिसका खुलासा निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों से हुआ है।

याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि कंपनियों द्वारा ‘बदले में लाभ पाने के ऐवज में’ दान में दिए गए उस धन को वसूला जाए, जो अपराध की आय के रूप में अर्जित पाया जाता है।

 

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