उज्जैन में पूर्व BJP विधायक मंच से उतरते ही कार्यकर्ताओं ने की धुनाई, प्रभारी मंत्री ने बचाया
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उज्जैन में पूर्व BJP विधायक मंच से उतरते ही कार्यकर्ताओं ने की धुनाई, प्रभारी मंत्री ने बचाया

उज्जैन
उज्जैन जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन करने के लिए शुक्रवार को जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल महिदपुर पहुंचे थे. यहां कार्यक्रम में बीजेपी के तीन बार के पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान के साथ बीजेपी के ही कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि मारपीट भी की. बीजेपी के पूर्व विधायक की धुनाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के नारायणा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लोकार्पण के बाद प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, बीजेपी जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला महिदपुर की ओर जा रहे थे, तभी बोरिंग दूध प्लांट के बाहर बीजेपी नेता प्रताप सिंह आर्य ने प्रभारी मंत्री और सांसद का एक स्वागत समारोह आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान को निमंत्रण नहीं दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी वह मंच पर पहुंचे और यहां स्वागत समारोह में भागीदारी करने लगे.

जब प्रभारी मंत्री खुद मंच से उतर गए
स्वागत समारोह के बाद बहादुर सिंह चौहान जैसे ही मंच से नीचे उतरे तो कार्यकर्ताओं ने उनकी जमकर धुनाई कर दी. घटना के बाद बहादुर सिंह चौहान और प्रताप सिंह आर्य के समर्थक आमने-सामने भी हुए, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर सभी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग किया. घटना के दौरान यह देखने को मिला कि प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल को खुद यह विवाद शांत करने के लिए मंच से नीचे उतरना पड़ा. साथ ही सांसद अनिल फिरोजिया ने भी माइक लेकर कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की हिदायत दी. बताया जा रहा है कि पूरे मामले में महिदपुर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.

एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं प्रताप सिंह आर्य और बहादुर सिंह चौहान
याद रहे कि पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान और जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह आर्य एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं. वर्तमान में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों ही एक-दूसरे के सामने चुनाव लड़े थे. आज भी इस विवाद का मुख्य कारण बहादुर सिंह चौहान का प्रताप सिंह आर्य के मंच पर चढ़ना ही था. बताया जाता है कि बहादुर सिंह चौहान के मंच पर चढ़ने के साथ ही कुछ लोग उनका विरोध करने लगे थे. इन्हीं लोगों ने बहादुर सिंह चौहान के मंच से नीचे उतरते ही उन पर हमला कर दिया. बहादुर सिंह चौहान के साथ आए लोग उन्हें बचा पाते, इसके पहले ही कुछ लोगों ने उनके साथ धक्का-मुक्की कर मारपीट की.

 

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